मित्रों, आज हम चर्चा करेंगे शब्दों के महत्व की, बचपन में कुछ गलत बोलने की वजह से हमें हमारे माता-पिता की खूब सुननी होती थी ठीक उसकी प्रकार आज यदि हम कुछ गलत बोलते है तो हमें बहुत सी चीजे खोना होती है जैसे मित्रो को, जीवन साथी को कभी कभी तो रिश्ते टूट जाते है | शब्द संभाले बोलिए, शब्द के हाथ न पावं! एक शब्द करे औषधि, एक शब्द करे घाव! Read more at: http://www.wfgyan.in/2016/05/blog-post_15.html शब्द संभाले बोलिए, शब्द के हाथ न पावं | एक शब्द करे औषधि, एक शब्द करे घाव || बचपन में इसे सबने खूब पढ़ा होगा परन्तु हमें ज्ञात नही रहता | कुछ बातें हमें हमारे गुरुजन द्वारा सिखाई जाती है की किस तरह से शब्दों को तोल-मोल कर बोलना चाहिए जिससे हमें किसी भी प्रकार की हानि ना हो | परन्तु वर्तमान युग में शब्दों के बेढंग इतने हो गये है कि हमने मान-सम्मान तक खो दिया है | कितने ही विद्यार्थी अपने माता-पिता, गुरुजन या उनके अग्रज को पीठ पीछे गलत शब्दों से संबोधित करते है | जिसे वे अपना सुकून समझते है परन्तु वे नही जानते...
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Thanq